Friday, 15 September 2017

मेरी मां, मेरा जहान

पूरी ज़िंदगी नादान रही मैं,
इस बात से अनजान रही मैं,
जन्नत को ढूंढती रही यहाँ वहाँ-
पर अपनी माँ को सताकर,
सूना कर दिया मैंने अपना ही जहान।
जिंदगी खत्म होने पर,
जब खु़दा ने मुझे बुलाया-
तब मुझे समझ आया,
कि मेरा खुशियों का जहान,
तो था मेरी माँ के कदमों में ही समाया।
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~ Muskaan Arora 

2 comments:

  1. वाकई इस दुनिया में एकमात्र माँ ही ऐसी होती है जिसके कदमों सारे संसार के सुख बौने है ....!!!

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